Namaz ka Tarika in Hindi


नमाज़ का तरीका (Namaz Ka Tarika) हर मोमिन मर्द औरत पर सीखना फ़र्ज़ हैं और इस्लाम में पांच फर्ज़ो में से एक फ़र्ज़ नमाज़ हैं

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अस्सलामो अलयकुम  रहमतुल्लाहि व बरकवातोहू ! भाइयो इस पोस्ट में हमने Namaz ka Tarika बताने की कोशिश की है ! कुछ टाइपिंग मिस्टेक हो तो मुआफ करे।

हुजूरे अकरम सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया की नमाज़ मेरी आँखों की ठंडक है। तो नबीये पाक के सच्चे उम्मती बनने का सबूत दीजिये और नमाज़ namaz कायम कीजिये मस्जिदों को आबाद कीजिये

Namaz Ka Sahi Tarika / नमाज़ का सही तरीका

आज मुसलमान इतना परेशान इसलिए है की वो घंटो मोबाइल में व्यस्त रहता है ! मगर नमाज़ के लिए वक़्त नहीं निकाल पाता ।

नमाज़ पढ़ने के यह फायदे है की नमाज़ पढ़ने वाले की दुनिया और आख़िरत दोनों खूबसूरत हो जाती है। नमाज़ पढ़ने का तरीका (namaz ka sahi tarika) बताने से पहले आईये कुछ ख़ास बाते जान लेते है जो बहुत जरुरी है।

* शराइते नमाज़ यानी नमाज़ की शर्ते :-

नमाज़ की कुछ शर्ते हैं. जिनका पूरा किये बिना नमाज़ नहीं हो सकती या सही नहीं मानी जा सकती. कुछ शर्तो का नमाज़ के लिए होना ज़रूरी है,

 

तो कुछ शर्तो का नमाज़ के लिए पूरा किया जाना ज़रूरी है. तो कुछ शर्तो का नमाज़ पढ़ते वक्त होना ज़रूरी है, नमाज़ की कुछ शर्ते इस तरह से है.

1. तहारत यानी नमाज़ी का बदन और कपड़ो का पाक होना

नमाज़ (Namaz) पढने के लिए जिस्म पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है  जिस्म पर कोई नापाकी लगी नहीं होनी चाहिए. बदन पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो गुस्ल कर के नमाज़ (Namaz) पढनी चाहिए. हर  नमाज़ (Namaz) से पहले वुजू जरूर बनाये ।

इसी तरह नमाज़ (Namaz) पढने के लिए जिस्म पर पहने हुआ ! कपडे पूरी तरह से पाक-साफ़ होना ज़रूरी है. कपडो पर कोई नापाकी नहीं लगी होनी चाहिए.

कपडे पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो कपडा धो लेना चाहिए या दूसरा कपडा पहन कर नमाज़ (Namaz) पढ़ लेनी चाहिए.

2. जहाँ नमाज़ पढे उस जगह का पाक होना

नमाज़ पढने के लिए जिस जगह पर नमाज (Namaz) पढ़ी जा रही हो वो जगह पूरी तरह से पाक होना ज़रूरी है. जगह पर अगर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो जगह धो लेनी चाहिए या दूसरी जगह नमाज़ (Namaz) पढ़ लेनी चाहिए.

3. बदन के सतर का छुपा हुआ होना 

यानी जिस्म का वो हिस्सा जिसका छिपाना फ़र्ज़ है ! जैसे मर्द के लिए घुटने से नाफ तक का हिस्सा छिपा हुआ हो ! और औरत के हाथ पांव और चेहरे के अलावा पूरा बदन ढका हुआ हो।

नाफ़ के निचे से लेकर घुटनों तक के हिस्से को मर्द का सतर कहा जाता है. नमाज़ (Namaz) में मर्द का यह हिस्सा अगर दिख जाये तो नमाज़ (Namaz) सही नहीं मानी जा सकती

4. इस्तिक़बाले क़िब्ला यानी मुह और सीना किबले की तरफ  होना !
5. वक़्त यानी नमाज़ (Namaz) का वक्त होना

कोई भी नमाज़ पढने के लिए नमाज़ का वक़्त होना ज़रूरी है. वक्त से पहले कोई भी नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती. और वक़्त के बाद पढ़ी गयी नमाज़ कज़ा नमाज़ मानी जाएगी.

6. नियत करना यानि नमाज़ (Namaz) का इरादा करना

दिल के पक्के  इरादे का नाम नियत हे ,  ज़ुबान से कह लेना मुस्तहब है

फ़ायदा – नमाज़ (Namaz) शुरू करने से पहले  इन शर्तो का होना ज़रूरी है। वरना नमाज़ (Namaz) नहीं होगी !

फराइज़े नमाज :-

नमाज़ के 7 फ़राइज़ है

1.  तकदीरे तहरीमा यानी अल्लाहु अकबर कहना

2 . क़याम यानी सीधे खड़े होकर नमाज पढ़ना फर्ज वित्र सुन्नते फज़्र ईदेन की नमाज में कयाम फर्ज है सही उज्र के बगैर यह नमाजे बैठकर पड़ेगा तो नहीं होगी नफिल नमाज में क़याम फर्ज नहीं

3. किरत मुतलकन एक आयत पढ़ना फर्ज की दो रकातो में और वित्र व नवाफिल की हर रकात में फर्ज है मुक्तदी को किसी नमाज में कीरत फर्ज नहीं

4.  रुकू करना नंबर

5.  सजदा करना नंबर

6.  कअदा अखीरा यानी नमाज पूरी करके आखरी अत्तहियात में बैठना

7.  खुरुजे बेसुंएही यानी दोनों तरफ सलाम फेरना इन फर्ज़ो में से एक भी रह जाए तो नमाज नहीं होती ( सजदे सहु करने से भी नहीं )

वाजिबातें नमाज़ :-

फ़र्ज़ की दो पहली रकात में और बाकी नमाज़ो की हर रकात में एक बार पूरी अल्हम्दु पढ़ना ( सूरह फातिहा )

इसके बाद फर्ज नमाज़ की पहली 2 रकातों में और वित्र  व सुन्नत व नफ़्ल की हर रकात में छोटी सूरत या तीन छोटी आयतें या वह एक आयत जो तीन छोटी आयतों के बराबर हो पढ़ना

कौमा यानि रुकू के बाद सीधा खड़ा होना

जल्सा यानी दोनों सजदों के दरमियान सीधा बैठना

कअदाउला यानि 3 या 4 रकात वाली नमाज़ में दो रकातों के बाद बैठना । दोनों कअदो में तशह्हुद  ( अत्तहियात ) पढ़ना.

 

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